देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की लव स्टोरी के कुछ रोचक तथ्यों को आप के सामने रखते है। बात 1965 की है, जब राजीव गांधी दोस्तों संग मस्ती करने कैंम्ब्रिज के एक रेस्टोरेंट पहुंचे थे। दोस्तों के बीच मस्ती का दौर चल रहा था। अचानक, वहां उनकी मुलाकात सोनिया गांधी हो गई, जो उसी रेस्टोरेंट में काम करती थीं। सोनिया की राजीव से नजरें चार होते ही दोनों के दिल धड़क उठे।
पहली मुलाकात कब प्यार में तब्दील हो गई, दोनों को भनक भी न लगी। इसके बाद आए दिन दोनों मिलने लगे। बात जब शादी तक पहुंची तो सोनिया को पता चला कि राजीव गांधी कोई और नहीं, बल्कि भारत के सबसे बड़े राजनीतिक घराने से ताल्लुक रखते हैं।
सोनिया का असली नाम था एन्टोनिया मैनो
सोनिया का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। वे कैंब्रिज में पढ़ाई के साथ पार्ट टाइम जॉब भी करती थीं। इटली के लूसियाना गांव में जन्मीं सोनिया का वास्तविक नाम एन्टोनिया मैनो है। राजीव के प्यार ने उन्हें इतना दीवाना बना दिया था कि उन्होंने लेटर लिखकर राजीव के बारे में अपने घरवालों को बताते हुए कहा था कि मुझे एक नीली आंखों वाले इंडियन राजकुमार से प्यार हो गया है, जिसके मैं हमेशा ही सपने देखा करती थी।
ऐसे हुई राजनीतिक एंट्री
1968 में राजीव ने एन्टोनिया मैनो से शादी कर ली। सोनिया गांधी परिवार का हिस्सा बन गईं। राजीव और सोनिया दोनों को सत्ता में दिलचस्पी नहीं थी। इसलिए शादी के बाद राजीव पायलट बन गए। लेकिन 1980 में संजय गांधी की मौत और 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद मां की मौत से आहत राजीव ने मां की गद्दी संभाली पर उन्हें राजनीति रास नहीं आई। साल 1991 में श्रीपेरुंबदूर की एक सभा में उन्हें बम से उड़ा दिया गया। उनकी मौत से सदमे पहुंची सोनिया ने बहुत दिनों तक खुद को राजनीति से दूर रखा। हालांकि, बाद में उन्हें भी अपनी राजनीतिक विरासत संभालनी पड़ी।