अमेरिका के सिएटल शहर में 62 दिन अस्पताल में भर्ती रहे 70 वर्षीय मरीज को अस्पताल ने भारी भरकम 11 लाख डॉलर (8.14 करोड़ से ज्यादा) का बिल थमा दिया। इस पर मरीज माइकल फ्लोर ने मजाकिया लहजे में कहा, “मुझे जिंदा बचने का हमेशा अफसोस रहेगा। अस्पताल का बिल देखकर लगभग दूसरी बार मेरा हार्ट फेल हो चला था। मैं अपने आप से पूछता हूं कि मैं ही क्यों? मेरे साथ ही ऐसा क्यों हुआ? इस अविश्वसनीय खर्चे को देखकर निश्चित रूप से मुझे अपराधबोध हो रहा है।”
डॉक्टर माइकल को ‘मिरेकल चाइल्ड’ यानी चमत्कारिक बच्चा कहकर बुलाते थे, क्योंकि कई अंगों के काम बंद कर देने के बावजूद उन्होंने कोरोना को मात देने में सफलता पाई। एक समय में माइकल की हालत इतनी खराब हो चुकी थी कि उनके पत्नी और बच्चों को अंतिम समय में उनसे मिलने के लिए बुला लिया गया था। हालांकि अमेरिका की राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम का लाभार्थी होने के कारण माइकल को बिल का अधिकांश हिस्से का भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
अमेरिकी कोरोना एक्सपर्ट ने दी चेतावनी
उधर अमेरिका के शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एंथनी फॉसी ने चेतावनी दी है कि देश में कोरोनो वायरस संक्रमण फैलना रुक नहीं रहा है और ऐसे में विदेश यात्रा पर लगी पाबंदी हटाने में महीनों का वक्त लग सकता है. जानकारों का मानना है कि यहां लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बाद कोरोना की दूसरी लहर का ख़तरा पैदा हो सकता है.
लॉकडाउन में राहत दिए जाने के बाद यहां कई शहरों में कोरोना संक्रमण के अधिक मामले सामने आ रहे हैं. इसी साल मार्च के महीने में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोप, ब्रिटेन, चीन और ब्राज़ील से अमरीका आने वालों पर बैन लगा दिया था.
टेलीग्राफ़ को दिए एक इंटरव्यू में डॉ एंथनी फॉसी ने कहा कि हो सकता है ये पाबंदी तब तक लगी रहे जब तक कारोना वायरस की कोई वैक्सीन न बन जाए. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि इस साल के भीतर देश में स्थिति थोड़ी सामान्य होने लगे, हालांकि उन्हें ऐसा नहीं लगता कि इस साल सर्दियों तक ऐसा हो पाएगा. फॉसी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस साल सर्दियों तक कोरोना का टीका बन जाएगा.
अमरीका में अब तक 20 लाख से अधिक लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं और 115,500 से अधिक की इस वायरस से मौत हो चुकी है. इधर कोरोना से बुरी तरह प्रभावित रहे न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रू कूमो ने कहा है कि कोरोना के कारण लगाए लॉकडाउन को हटाना बड़ी ग़लती साबित हो सकती है.